“ Creation, Preservation and Transformation “.
" निर्माण, संरक्षण और परिवर्तन ".
“ निर्मिती, संरक्षण आणि परिवर्तन ".
हम हमारे दोनों हथेलियोंसे इबादत अदा करते हैं;
हथेलियां, जिनकी ऊर्जा शक्तिसे, दूसरों की सेवा कर पते हैं।
और त्रिमूर्ति ज्ञान की गहराई को प्राप्त होते हैं।
त्रिमूर्ति है, त्रिभुवन या परमात्मा परब्रह्म की एकांकार परिभाषा।
Image - Trinity त्रिमूर्ती
और त्रिमूर्ति ज्ञान की गहराई को प्राप्त होते हैं।
त्रिमूर्ति है, त्रिभुवन या परमात्मा परब्रह्म की एकांकार परिभाषा।
Image - Trinity त्रिमूर्ती
Trinity Wines offer the vintage,
Of being and becoming our own true Self,
In the dynamics of the cosmic universe.
In the dynamics of the cosmic universe.
There is also the Trinity of,
Vintage Wines, Malt Whiskies, and Wisdom.
इन तीनोंका रस और सार, अलग अलग, चखना होगा,
तभी अझमापाओगे बुद्धि, ज्ञान और आत्मज्ञान में फर्क।
आत्मज्ञान और आत्मबोध, केवल एक अनुभूति है; किताब का पांडित्य नही।
हरेक इंसान और जीव का खून, लाल रंग काही होता है;
पर समझ अलग, अलग होती है ।
फिरभी, खुदके जिंदगीकी सफर के अंतमें,
आखरी ख्वाईश और इबादत एकही परमानन्द की होती है।
त्रिमूर्ति के कल्पवृक्ष में पूर्णतः समाया अनंत ब्रह्मांड है।
इस ब्रह्मांडमें, ॐ अथवा एकांकार एक गहरी सोच तत्व स्वरूपमें महसूस होती है।
इसी तत्वस्वरूपमें, अन्तर्यामी ठैरी हुई शून्यताकी अनुभूति महसूस होती है।
इस शून्यतामें स्वयं खुशीसे पहुंचा हुआ पंछी-मुसाफिर कभी वापस नहीं लौटता।
तत् सत्
शून्यता स्वरूपमें समाकर, सूफी-संत कबीरा गाए,
मेरा मुझमें कुछभी नही,
सबकुछ एकही साहेब-साहिल।
साहेब = परमात्मा
साहिल = सदा साथ रहनेवाला परम प्रिय मित्र
सबकुछ एकही साहेब-साहिल।
साहेब = परमात्मा
साहिल = सदा साथ रहनेवाला परम प्रिय मित्र
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