तुम, मनमें उठतेहुवे विचार, श्वासोश्वास, और देह, केवल एक दृश्य है।
इन्हें अनासक्त दृष्टा भाव से देखो, और आझमाओ।
जो अनासक्त भावसे देखता है, वो दृष्टा है।
तुम दृष्टा हो।
इसी दृष्टा भावसे ध्यान करें।
ध्यानमें किसीसे, ना कुछ लेना न देना,
सिर्फ खुदकी असलियत को प्राप्त होना।
इसीमें पूर्णतः समाई है, खुदके वैश्विक पहचान की खुशबू ~~~
Ref: नाड़ीशोधन प्राणायाम - आनंदमूर्ति गुरु माँ
Nadi Shodhan Pranayam by Anandmurti Gurumaa - Cleansing before Meditation
Nadi Shodhana Pranayama: Cleansing Before Meditation - YouTube
https://www.youtube.com/watch?v=pjznZszIhSg
Jun 21, 2007 - Uploaded by Gurumaa Ashram
NOTE : The above composition गुरुप्रसादकी खुशबू
is not a commercial with any hidden intent. It is being presented In the interest of Self-inquiry, which is the Genuine Literacy of Life…..
जीवन की वास्तविक साक्षरता ... ..
जीवनाची वास्तविक साक्षरता ... ..
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