Tuesday, October 25, 2016


२५ अक्टूबर, २०१६

Master, Wife, and Slave
साहेब, बीबी, और गुलाम
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हरेक इन्सान खुद्द की अवकात मुताबिक जबान को मतलब देता है।  
अवकात, ये खुदके सोच की असलियत की परिभाषा है।   

साहेब शब्द ईश्वर, खुदाह अथवा भगवान के लिये इश्तमाल होता है।
बीबी  शब्द, पुरुष की अर्धांगिनी।  
पुरुष अथवा नर, अकेला कभी पूरा नहीं हो सकता।  
गुलाम, तन और मन की मजबूरी आदतें होती है।  

हरेक इंसान तन और मन की पूरी आझादी से पैदा होता है।  
दुनिया उसे शरारत सिखाती है तेरा, मेरा और हमारा की परिभाषा में।

निर्मल जागृती अहेसास दिलाते रहती है,
श्री तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा।  

साहेब, बीबी और गुलाम एक सोच है,

जो खुदकी असली पहचान दिलाती है।  

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