२०१८ - दशहरा और दीवाली का माहौल
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जाब हम सब हिल मिलकर राजी, तबही दशेरा दीवाली ~~
छाया चित्र - आत्म जागृती का जगदीप
सर्वप्रथम याद और सावधान रहें, सारे धर्मग्रंथ और धर्मयुद्ध केवल संकेतिक भाषा में ही कल्पित, कथित, और फिर लिखित अर्पण होते है।
अंध विश्वास में खुद को घेर कर, आतंकवादी ना बनिए ।
मर्यादा पूर्ण श्री राम और ज्ञान अहंकार अधिकारी श्री दशानन रावण के अनेक अवतार रूप प्रचलित महसूस होते हैं ।
दशेरा / दशहरा और दिवाली के माहौल में :
राम रमैय्या गाए जा, कृष्ण कन्हैय्य्या साध्वी मीरा के अंग-संग नाचे जा,
राम रावण लढ़ाते जा, रावणमार क्षण याद करते जा।
अहंकार के नाभी/दुन्नी में, रामबाण केंद्रित किये जा।
आझमाँ लो यारों , सारे जीवों में राम ही राम, सतनाम।
छाया चित्र - रामबाण का निशाना रावण अहंकार के नाभी पर केंद्रित
इस दशेरा और दीवाली के माहौल में,
काली माता, दुर्गा की महानता याद किये जा,
कालिया मर्दन याद किये जा,
छाया चित्र - कालिया मर्दन / काल के काले नाग / अजगर का मर्दन श्री कृष्ण के पैरों तल्ले
मानव मन रूपी बंदर और बंदरी को नचाते जा,
भोग की भूल भुलैय्या चखते जा।
इसी का नाम है जिंदगी, जो सिर्फ एक ख्वाब और मायाजाल महसूस होता है ।
दशेरा और दीवाली का माहौल मनाते और आझमाते जाओ प्यारों ,
खुशिओं की खुशबू और दुआएं पुष्प जैसे फैलाते जाओ ।
ॐ सत्यम शिवम सुंदरम, और सत्चिदानंद सिर्फ एकही अनुभूति।
इन्सान के इन्सानियत की जागृती ~~~
आप सब को दशेरा और दीवाली के रौशनी और जागृती की शुभ कामनाएं ~~
ॐ शांति ॐ।
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