Yoga - योग
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A Perspective :
Yoga = Conscious union or consecration of the Finite with the Infinite dimension.
योग = जीवन शक्ति एकीकरण: समीकरण नही।
योग है, सनातन अथवा अखंड आत्मज्ञान परम्परा।
योग एक समर्पित धारणा / इबादत है जिसका बौद्धिक विश्लेषण करना,
वक्त की फजूल बरबादी होती है।
वक्त की फजूल बरबादी होती है।
कर्म धर्म और योग संयोग के द्वारा, जीवन अनुभूति को प्राप्त होना ये गहरा एकमेव लक्ष है।
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